नगर में संचालित एक बंद के सदस्यों द्वारा अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
पर गीतों द्वारा सामाजिक मुद्दों को उठाकर जनता को जागरूक किया जा रहा है | वर्तमान
बैंड के सदस्य अंकित जैसवाल, पल्लवी मिश्रा और मयंक तिवारी इसी दिशा में कार्य कर
रहे है | अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इनकी टीम ने कन्या भ्रूण हत्या जैसे संवेदनशील
मुद्दे पर एक खूबसूरत गीत
बनाया जिसका शीर्षक है “जीने दोअब मुझे”, जो समाज में हो रहे कन्या भ्रूण हत्या
के मामले पर सोचने को विवश करता है | इससे पूर्व भी इनकी टीम ने “ज़िन्दगी कुछ खफा
हो गयी” गीत बनाया है जिसके द्वारा बलात्कार से होने वाले दर्द की दास्ता बयान
करने की कोशिश की गयी है | इनकी टीम द्वारा बनाये गए ये गीत “ज़िन्दगी कुछ खफा हो
गयी”, “जीने दोअब मुझे” दिल को छू जाते है और सोचने पर विवश कर
देते है | इन गीतों को अपनी खूबसूरत आवाज़ देने वाले अंकित जैसवाल ने बताया की गाने
हमेशा दिल को छू जाते है इस कारण हम गीतों के ज़रिये अपनी बातों को लोगों तक
पहुचाने की कोशिश करते है | वही गीत लेखिका पल्लवी मिश्रा कहती है की हम युवा ही
देश का भविष्य है इस कारण हम लोगों को अपने गीतों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर
जागरूक करने का प्रसास कर रहे है | संगीतकार मयंक तिवारी ने बताया की हम सोशल
मीडिया पर भी अपने गीतों के माध्यम से लोगों से जुड़ कर उनको प्रभावित करने कोशिश
कर रहे है | इनकी ये मुहीम काबिले तारीफ़ है जहां ये लोगों को अपने गीतों द्वारा भावविभोर कर, इन सामाजिक मुद्दों पर
सोचने पर विवश कर रहे है |