सूचना प्रद्योगिकी के क्षेत्र में इन्टरनेट ने
सोशल मीडिया रूपी साइबरस्पेस की एक अनोखी दुनिया के रूप में पदार्पण करके हिंदी
भाषा को नए आयाम से जोड़ा है | भारतीय संस्कृति और परंपरा संपूर्ण विश्व में अद्वितीय
है और आज हिंदी भाषा के
बढ़ते वैभव को हम जीवंत कर रहे हैं | किसी
भी समाज के निर्माण में संचार की विशेष भूमिका है तथा मानव की सामाजिक व
सांस्कृतिक परम्पराओं के स्थानांतरण की प्रक्रिया में संचार का विशेष योगदान रहा हैं
| ऐसे में हिंदी
जो दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, संचार की निरंतरता को बनाये
रखने के लिए टेक्नोलॉजी की दुनिया में इसको
नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता था | हिंदी भाषा दुनिया भर में 8000 लाख से अधिक लोगों
द्वारा बोली जाती है |
आज सोशल
मीडिया की नीव पर निर्मित ग्लोबल गाँव जिसकी कोई परिभाषित सीमा नहीं है, हिंदी
भाषा का विस्तार करने में सक्षम है | कंप्यूटर की दुनिया में हिंदी भाषा के आगमन
ने हिंदी भाषा का वैश्वीकरण किया | 80 के दशक में कंप्यूटर की दुनिया में हिंदी
भाषा ने डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) के जमाने में अक्षर, शब्दरत्न आदि जैसे वर्ड प्रोसैसरों के
रूप में कदम रखा | बाद में विण्डोज़ का पदार्पण होने पर 8-बिट ऑस्की फॉण्ट जैसे कृतिदेव, चाणक्य आदि के द्वारा वर्ड प्रोसैसिंग, डीटीपी तथा ग्राफिक्स अनुप्रयोगों में
हिन्दी भाषा में मुद्रण संभव हुआ | लेकिन तब हिंदी भाषा केवल मुद्रण के काम तक ही
सीमित रही | गूगल ने 2007 में अपने हिंदी भाषा अनुवादक का प्रारंभ किया और इसके
बाद यूनिकोड फॉण्ट का विकास हुआ जिसको माइक्रोसॉफ्ट के विण्डोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम
में विण्डोज़ 2000 का
समर्थन मिला | इस तरह हिंदी भाषा का टेक्नोलॉजी की दुनिया में विस्तार हुआ | इससे
अंग्रेजी और अन्य यूरोपीय भाषाओं की तरह कम्प्यूटर पर सभी ऍप्लिकेशनों में हिन्दी भाषा
का प्रयोग सम्भव हो गया | सोशल मीडिया पर हिंदी
भाषा के विकास ने भारतीयों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स की ओर आकर्षित किया है | आज फेसबुक,
ट्विटर, ब्लॉग, व्हाटस एप्प या कोई अन्य नेटवर्किंग साइट् सभी पर हिंदी भाषा की
सुविधा उपलब्ध है | हिंदी भाषा के कम्प्यूटरीकरण के बाद सोशल मीडिया प्रयोगकर्ताओं
की संख्या लगातार बढ़ रही है | आज भारत में 2000 लाख से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता है
| गूगल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2018 तक लगभग आधा देश इंटरनेट के माध्यम से
जुड़ जाएगा | भारत में बढ़ते इन्टरनेट उपभोताओं के
कारण सोशल मीडिया का वर्चस्व भी मजबूत हो रहा बल्कि विशेषज्ञों का मानना है की
सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उपभोगता इन्टरनेट का प्रयोग कर
रहे है | वर्तमान
में, भारत
तीसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपभोगताओं वाला देश है | फेसबुक, मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं की रैंकिंग में सबसे आगे है जहां हिंदी
में संवाद एवं आलेख देना संभव है और वही चैट एप्प में व्हाटस एप्प बहुत सक्रिय है,
ये भी हिंदी भाषा का समर्थन करता है | हिंदी ब्लॉग्गिंग की बात की जाये तो यहाँ
ब्लॉग केवल पत्रकारिता का दायित्व निर्वाह नहीं करता अपितु रचनाकारों की रचनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम प्रदान करता है | विदित
है कि हिंदी भाषा ने सोशल मीडिया पर अपना वर्चस्व स्थापित किया है और आगे आने वाले
समय में हिंदी इन्टरनेट पर लोकप्रिय भाषाओं में से एक होंगी | जहां सोशल मीडिया सूचना क्रांति के नवीनतम साधन के रूप में विकसित
हुई है वही हिंदी भाषा ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपना स्थान बना लिया है | इससे
साफ़ होता है कि हिंदी के महत्व को विश्व में कितनी गंभीरता से अनुभव किया जा रहा
है। आज हिंदी ने कंप्यूटर के क्षेत्र में अंग्रेजी के वर्चस्व पर प्रभाव डाला है
और करोड़ों की आबादी वाले हिंदी भाषी लोग कंप्यूटर का प्रयोग अपनी भाषा में कर रहे
हैं |
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में हिन्दी का प्रवेश
वर्ष 2005 के
बाद शुरु हुआ। पिछले 8 वर्षों में हिंदी बोलने वालों की संख्या में 50% की वृद्धि
हुई है | भारत के अतिरिक्त नेपाल, मॉरिशस, फिजी, यूगांडा, दक्षिण अफ्रीका, कैरिबियन देशों, ट्रिनिडाड एवं टोबेगो और कनाडा जैसे
देशों में भी हिंदी बोलने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है | इसके आलावा इंग्लैंड, अमेरिका, मध्य एशिया में भी इसे बोलने और समझने
वाले अच्छे-खासे लोग हैं | वैश्वीकरण और भारत के बढ़ते रूतबे के साथ पिछले कुछ
सालों में हिन्दी के प्रति विश्व के लोगों की रूचि खासी बढ़ी है। यह एक तथ्य है की किसी भी मीडिया की लोकप्रियता उसके प्रयोगकर्ताओं
की संख्या पर ही निर्भर करती है | इससे साफ़ होता है कि सोशल मीडिया पर हिंदी भाषा
का वैभव लगातार बढ़ रहा है |
No comments:
Post a Comment