दिल्ली में चल रहा ऑड इवन का फॉर्मूला
प्रदुषण कम करने में कितना कारगर होगा ये तो आने वाले वक़्त ही बताएगा लेकिन लोगों
की जेब कतरने में ये ख़ासा सफल हो रहा है | दिल्लीवासी
दोहरी मार का शिकार हो रहे है, एक तरफ तो इस ऑड इवन
फॉर्मूले का उल्लंघन करने पर 2000 का जुर्माना भरना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली
की सबसे बड़ी टैक्सी सर्विस ओला और उबेर कंपनियों ने ऑफिस टाइम में अपने दरों में तीन गुना वृद्धि
कर दी है | दिल्लीवासी इस ऑड इवन स्कीम को सफल बनाने के लिए
भले ही हर मुमकिन कोशिश कर रहे हो लेकिन सियासी लोग इस पर अपनी रोटी सकने से पीछे
नहीं हट रहे है | इस नियम का उल्लघन करने का एलान कर चुके बीजेपी
के संसद विजय गोयल को गुलाब के फूल की पेशकश करते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री
गोपाल राय ने समझाने की कोशिश की लेकिन कुछ घंटे के बाद ही विजय गोयल ने इस योजना
का उल्लंघन कर दिल्ली पुलिस को 2000 रुपये का जुर्माना दिया | हालांकि विजय गोयल का कहना था की उन्होंने इस
योजना का उलंघन ऑड इवन फोर्मुले को गलत साबित करने के लिए नहीं बल्कि सरकार द्वारा
इस योजना के प्रचार प्रसार पर करोड़ों रूपए खर्च किये जाने के विरोध में किया है | इससे सियासी जंग ने नया मोड़ ले लिया और केंद्रीय
सरकार पर स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार प्रसार में किये गए खर्चे की जानकारी मांगी
गयी | बरहाल देश किसी भी गंभीर समस्या से जूझ रहा हो
लेकिन सियासत में बैठे लोग समस्या को सुलझाने के बजाये एक दुसरे पर छीटा कशी से
पीछ्ते नहीं हटते | देश में बढ़ता प्रदुषण एक बहुत बड़ी समस्या है, दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक
है | हम सभी को एकजुट होकर प्रदुषण कम करने के लिए किसी
अच्छे विकल्प के बारे में सोचना चाहिए | ऑड इवन प्रदुषण को
कम करने के लिए एक इमरजेंसी विकल्प हो सकता है लेकिन ये एकमात्र विकल्प नहीं है | ऑड इवन को सफल एवं सुचारू बनाने के लिए पहले
लोगों के आने जाने की सुविधाओं का उचित प्रबंध करना आवश्यक है | प्रदुषण के अन्य कारकों को भी नज़र अंदाज़ नहीं
किया जा सकता | ऑड इवन की योजना के अंतर्गत ज्यादा प्रदूषण करने
वाले वाहनों को नहीं रखा गया है ये भी इस योजना की एक कमज़ोर व्यवस्था को प्रदर्शित
करता है | फक्ट्रियों से होने वाले प्रदुषण के बारे में भी
सोचना बहुत जरूरी है | प्रदुषण देश की एक गंभीर समस्या है और इससे
निपटने के लिए सभी कारकों को समझने के साथ साथ ये भी आवश्यक होगा की इस गंभीर
समस्या को सियासत के मुद्दे से दूर रखा जाए |
Dr Pallavi Mishra is working as an Associate Professor. NET/JRF qualified.Founder of PAcademi.com
- Dr Pallavi Mishra
- This is Dr Pallavi Mishra, working as an Associate Professor
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