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Saturday, April 5, 2014

क्या “नोटा” लाएगा कोई नया बदलाव

क्या “नोटा” लाएगा कोई नया बदलाव
सोलहवी लोकसभा चुनाव से पूर्व कई बदलाव देखे जा रहे है | इस बार जहां एक ओर दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक नयी पार्टी “आप” सियासत के अखाड़े में आई वही आगामी चुनाव में 100 फीसदी मतदान सुनिश्चित करने के लिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त हुए “राईट टू रिजेक्ट” के अधिकार ने जनता को भ्रष्ट और अनैतिक चरित्र के उम्मीदवार को अस्वीकार करने का अधिकार भी दिया | अब ये देखना है की मतदाताओं को चुनाव में उम्मीदवार को नकारने का ये अधिकार कितना कारगर होता है | पिछले चुनावों में ये पाया गया है की मतदाताओं के अनुसार नैतिक उमीदवार ना होने के कारण वो मतदान देने से परहेज़ करते थे | पर इस बार चुनाव में उम्मीदवार ना समझ आने पर मताधिकार “नोटा” का बटन दबाकर अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते है | जो मतदाता ये कहते थे की “सभी तो एक जैसे है तो हमारे लिए किसी को भी चुनना मुश्किल है” ऐसे मतदाता क्या इस बार अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा | फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को अभी इस अधिकार के बारे में कोई ख़ास जानकारी नहीं है और यहाँ तक की शहर में निवास कर रहे लोगों में भी इस अधिकार की जागरूकता कम है | वही निरक्षर मतदाता जो सिर्फ चुनाव चिन्ह देखकर वोट देते है उन्हें भी अभी इस अधिकार की कोई ख़ास जानकारी नहीं है | वैसे सरकार द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए ‘राईट टू रिजेक्ट’ के अधिकार का विज्ञापन किया जा रहा है और ईवीएम मशीन पर उपलब्ध “नोटा” के विकल्प के बारे में भी जानकारी दी जा रही है | और कई एनजीओ भी नोटा के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे है | बरहाल ये देखना है की कितने प्रतिशत लोग बैलट मशीन में नोटा  यानी 'इनमें से कोई नहीं' का बटन दबाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते है | लेकिन “नोटा” वाकई कोई नया बदलाव लाने में कितना सक्षम होगा ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा | 




Friday, April 4, 2014

मेरा वोट ही मेरी आवाज़ है
देश का सबसे बड़ा उत्सव आया
चुनाव का मौसम लाया
ईद, दिवाली, होली
तो मनाते है हर साल
चुनाव जो है देश का सबसे बड़ा पर्व
आता है पांच साल में एक बार  
हर ओर गूंज रहा चुनाव का साज़ है
कहीं भाषण में, कहीं विज्ञापन में
हर ओर चुनाव का ही राग है  
अब देश की जानता को देना अपना जवाब है
और उसका वोट ही उसकी आवाज़ है  
तो इस उत्सव में तभी जमेगा रंग
जब हर नागरिक का होगा संग
देश के हर व्यसक का है ये अधिकार
तो देकर अपना वोट मनाये ये त्यौहार ...



विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों में महिलाओं का वर्चस्व

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