संपूर्ण विश्व जहां वैश्विक महामारी कोरोना से पीड़ित है तथा पूर्ण मानव जाति के लिए संकट का समय चल रहा है, वहीं इस महामारी ने दुनिया भर में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान किये है. कोविड -19 महामारी ने दुनिया भर के बायोटेक्नोलॉजिस्टों को इस वायरस के समाधान के लिए कई प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया है जो न केवल मानवता को मौजूदा संकट से लड़ने में मदद करेगी बल्कि भविष्य के लिए वायरल रोगों के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगी। कई भारतीय कंपनियां विभिन्न वैज्ञानिकों तरीकों से इस महामारी के समाधानों की दिशा में काम कर रही हैं जो कोविड -19 के खतरे को कम करने में मदद करेंगी, चाहे वह विकासशील परीक्षण हो या बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन की खोज हो, जैव प्रौद्योगिकी सेक्टर का विस्तार निश्चित है।
हालांकि जैव प्रौद्योगिकी परीक्षण आज नए आर्टिफीसियल तंत्र बनाने से लेकर टीके विकसित करने तक, कोविड -19 के इलाज़ के लिए दवाएं, दस्ताने और मास्क बनाने में अग्रसर है और ये सेक्टर आने वाले समय में युवाओं के लिए कई रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा। बरहाल जहां सम्पूर्ण विश्व के ज्यादातर सेक्टर को आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है, वहीं जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र इस विपति में उभर रहा है। आने वाले समय में शोधकर्ताओं के लिए भी इस क्षेत्र में कई चुनौतियों के साथ अवसर भी होंगे जैसे रैपिड स्क्रीनिंग, डायग्नोस्टिक टेस्ट और वैक्सीन विकसित करने के लिए शोध की आवश्यकता। संभवतः बड़े पैमाने पर कोविड -19 की स्क्रीनिंग के लिए स्क्रीनिंग प्रशिक्षण इंस्टिट्यूट की भी आवश्यक होगी ताकि युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। जैव प्रौद्योगिकी इस महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने तथा चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने में सहायक है। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कैसे प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, जैसे कि ड्रग पुन: उपयोग या आयुर्वेदिक उपायों के बारे में भी शोध के आवश्यक क्षेत्र होगा। जैसा कि कहा गया है "रोकथाम इलाज से बेहतर है", जैव प्रौद्योगिकी ज्ञान को साझा करने और इस घातक वायरस के फैलने के तरीकों और अन्य पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलाने में भी कारगर होगा। इस क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी डॉक्टरों की मदद कर रहे हैं इसलिए, चिकित्सा प्रौद्योगिकी के साथ साथ जैव प्रौद्योगिकी प्रभावी निदान प्रदान कर रही है। इसके अलावा, जैव प्रौद्योगिकी अपशिष्ट निपटान विधि के विकास में भी अहम् भूमिका निभा रहा है। कोविड -19 कि रोकथाम के लिए सफाई रखना बहुत आवश्यक है इसलिए निदान और उपचार के दौरान उत्पन्न अस्पताल का कचरा प्रबंधन के लिए भी जैव प्रौद्योगिकी कि भूमिका महत्वपूर्ण है। इस तरह जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निदान या उपचार सम्बंधित, दवा उद्योगों, वैक्सीन में अनुसंधान और उत्पादन का भविष्य सुनहरा है।