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Sunday, May 4, 2014




क्या संभव है ऑनलाइन वोटिंग 
अपने देश में मतदान की प्रक्रिया जारी है और इस बार मतदाताओं में भी जोश दिख रहा है | पिछली बार की तुलना में इस बार सभी जगह पर वोट देने वाले मतदाताओं के प्रतिशत में बढ़त दिखाई दे रही है | लेकिन प्रवासी भारतीयों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए एक ही विकल्प है, भारत आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करना | भारत में ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है| ऑनलाइन वोटिंग नई संभावनाओं को खोलता है और मतदान प्रक्रिया के लिए एक अनूठा अनुभव देता है | ऑनलाइन मतदान, मतदाता को भौगोलिक सीमा से परे मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराता है | ई–वोटिंग इलेक्ट्रॉनिक वोट कास्टिंग में सहायक है | इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में मूल रूप से ऑप्टिकल स्कैन मतदान प्रणाली, पंच कार्ड या विशेष मतदान कियोस्क का प्रयोग होता है | इसमें टेलीफोन के जरिये, निजी कंप्यूटर नेटवर्क या इन्टरनेट के द्वारा भी वोटिंग किया जा सकता है | इंटरनेट वोटिंग सिस्टम आज कई देशों में लोकप्रियता हासिल कर चुका है | यूनाइटेड किंगडम, एस्टोनिया स्विट्जरलैंड के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम को शामिल किया गया | साथ ही कनाडा में नगर निगम के चुनावों और संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस में पार्टी के प्राथमिक चुनावों में भी ई- वोटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया | बरहाल वर्तमान में, प्रवासी भारतीय केवल अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ही मतदान कर सकते हैं | भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव में ई-वोटिंग की व्यवस्था अभी नहीं है जिस कारण भारतीय प्रवासी जो विदेश में है उन्हें भारत आकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करना होगा | भारत में अभी इन्टरनेट वोटिंग की संभावना प्रतीत नहीं हो रही है | ऐसा माना जा रहा है की मतदान को उच्च तकनीकी से करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया को असुरक्षित कर सकता है | लेकिन चुनाव आयोग इस मुद्दे पर विचार कर रहा है और ऐसी संभावना की तलाश कर रहा है जिसके द्वारा भविष्य में आने वाले चुनावों में प्रवासी भारतीयों को विदेश में इन्टरनेट के माध्यम से आम चुनावों में मतदान करने का मौका मिल सके | चुनाव आयोग प्रवासी भारतीय को विदेशों से अपने वोट कास्ट करने के विभिन्न विकल्पों की भी जांच कर रहा है | चुनाव आयोग का दुनिया में कहीं भी रह रहे भारतीयों को उनका मताधिकार प्रदान करने का ये विचार  वाकई प्रशंशनीय है | लेकिन ऑनलाइन वोटिंग में वोटिंग की प्रक्रिया इन्टरनेट द्वारा होती है इस कारण इसके सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों ही  पक्ष होंगे | तो चुनाव आयोग के लिए ऐसी व्यवस्था लाना वाकई एक चुनौतीपूर्ण काम होगा | ऑनलाइन वोटिंग व्यवस्था प्रवासी मतदाताओं को अपना मताधिकार प्रयोग करने में ज़रूर ही सहायक हो सकती है | पर क्या भारत के चुनावों में सुरक्षित ऑनलाइन वोटिंग व्यवस्था संभव हो पायेगी ये कहना अभी मुश्किल है | इसका उत्तर तो आने वाला वक़्त ही देगा |   



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