Dr Pallavi Mishra is working as an Associate Professor. NET/JRF qualified.Founder of PAcademi.com
- Dr Pallavi Mishra
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Friday, January 6, 2017
Wednesday, August 3, 2016
भारत में ऑनलाइन बाज़ार का बढ़ता वर्चस्व
असीमित क्षमताओं और संभावनाओं से युक्त ई-कॉमर्स ने हाल के वर्षों में भारतीय बाज़ार में उल्लेखनीय जगह बना ली है. पिछले दो दशकों में इंटरनेट और मोबाइल फोन की क्रांति से संचार और व्यापार की दुनिया में हुए परिवर्तन ने डिजिटल कॉमर्स की राह आसान कर दी है. देश में मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्मार्ट फोन, ई-कॉमर्स की सफलता का प्रतिनिधित्व कर रहा है. भारतीय ई-कॉमर्स बाजार तेजी से विकसित हो रहा है और त्योहारों के मौसम के दौरान इसकी वृद्धि और अधिक स्पष्ट हो जाती है. एसोचैम (भारत के वाणिज्य एवं उद्योग एसोसिएटेड चैम्बर्स) के ताजा अध्ययन के अनुसार आकर्षक ऑफर के कारण ये उपभोगताओं को आकर्षित करने में सफल हो रहे है. त्योहार के मौसम के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग मार्ट में 40-45 फीसदी से अधिक दर से बढ़ोतरी देखी जाती है. भारतीय संस्कृति के अनुसार त्योहारों के मौसम को खरीदने के लिए शुभ माना जाता है फिर चाहे रक्षा बंधन हो या कोई अन्य पर्व ई-कॉमर्स बाज़ार उपभोगताओं को लुभाने की हर कोशिश करता है. देश के राष्ट्रीय पर्व स्वत्रंता दिवस पर भी ऑनलाइन शौपिंग साइट्स उपभोगताओं को आकर्षित करने के लिए कई नए ऑफर लाती है. एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में त्योहारी सीजन में भारतीय ऑनलाइन खुदरा बिक्री में ब्रांडेड परिधान, सामान, आभूषण, उपहार और जूते के बड़ी बिक्री से ई-कॉमर्स के राजस्व में पांच गुना वृद्धि हुई थी. एसोचैम के अध्ययन के मुताबिक इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में ई-कॉमर्स पर पांच गुना से अधिक वृद्धि होने की संभावना है. फेस्टिव सीजन के दौडान ऑनलाइन शौपिंग साइट्स पर उम्मीद से अधिक सेल होने के कारण इस वर्ष ई-कंपनिया पहले से ही बेहतर तरीके से तैयार है. भारत के इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन और इंटरनेट मोबाइल रिसर्च ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में भारत में ई-कामर्स क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2014 के अंत में भारतीय डिजिटल कॉमर्स बाज़ार में 53% की दर से वृद्धि, 81,525 करोड़ रूपए पर दर्ज की गई और वही 2015 के अंत तक 33% की दर से वृद्धि हुयी जो लगभग एक लाख करोड़ रुपए के आकड़ें को पार कर गयी. एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में ऑनलाइन शॉपिंग में 78% की वृद्धि होने की बात कही गयी है.
भारत में बहुत सारी ई-कॉमर्स कंपनीया जैसे फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम्, कुइककर, इनमोबी, बुक माय शो, ओलाकैब, मेय्न्त्रा, जबोंग, ओएलएक्स, अमेज़न आदि ने लोगों को प्रभावित किया और ये करोड़ों रूपए कमाने में कामयाब भी हुए है. ई-कॉमर्स की डिलवरी पर नकदी की सुविधा भारत के लोगों की सबसे पसंदीदा भुगतान विधि है. कुछ समय पहले तक भारतीय उपभोक्ता की छवि एक पारंपरिक ग्राहक के ढर्रे से बंधी थी, परंतु ई-कॉमर्स की सुविधा के आगमन के साथ ही गत कुछ वर्षों से भारतीय उपभोक्ता एक नई दिशा की ओर चल पड़ा है. ऑनलाइन शौपिंग साइट्स पर मिल रहे ऑफर और सुविधा के साथ अब वह घर बैठे ही चीजें खरीदना पसंद कर रहा है हालांकि इस बात में संदेह नहीं है की पारंपरिक तरीके से खरीदारी की ओर ग्राहकों का रुझान कम नहीं हुआ है लेकिन देश में ई-कॉमर्स या ऑनलाइन शॉपिंग की अभूतपूर्व सफलता ने अलग ही इतिहास रचा है. हाल में जब ऑनलाइन सुपरस्टोर ‘फ्लिपकार्ट’ के संस्थापकों द्वारा 1 अरब डॉलर्स की राशि का निवेश करने की खबर सुर्खियों में आयी तो उसके तुरंत बाद एक अन्य वैश्विक सुपरस्टोर ‘अमेजन’ ने देश में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए अपने स्तर पर 2 अरब डॉलर्स के निवेश की घोषणा कर दी. इससे ये साफ हो जाता है की इतने भारी-भरकम निवेश की प्रतिस्पर्धा तभी फलीभूत होती है जब उससे मिलने वाले रिटर्न्स काफी अधिक लाभ देने की संभावना रखता हो.
हाल के वर्षों में संचार और व्यापार की दुनिया में हुए उल्लेखनीय परिवर्तन से हुए डिजिटल कॉमर्स का विकास भारत के लिए काफी अनोखा है. विश्व बैंक के अनुसार 2017 तक भारत की जीडीपी में 8 फीसदी की दर से विकास होगा. और इससे आगे आने वाले समय में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार होगा तथा विश्व बाजार में भारत प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा. भारत में तेजी से विकास की ओर अग्रसर ई-कॉमर्स भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है. आज भारत में बड़ी कंपनी हो या छोटी दुकानें सभी डिजिटल कॉमर्स की दुनिया में कदम रख रही है ताकि अपना ग्लोबल बाज़ार बना सके. ये डिजिटल इंडिया के सपने को नयी दिशा देने तथा भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकता है. भारत में बढ़ते स्मार्टफ़ोन, टेबलेट और इन्टरनेट उपभोक्ताओं के कारण टियर टू और टियर थ्री शहरों में भी ई-कॉमर्स बाज़ार के लिए अपार अवसर है. ऑनलाइन रिटेल वेब साइट्स ने छोटे शहरों से अधिक डिमांड के कारण तथाकथित टियर टू और टियर थ्री शहरों की ओर रुख किया है. अग्रणी ऑनलाइन शौपिंग साइट्स फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, ईबे, शॉपक्लूज, ओएलएक्स के अनुसार उनकी बिक्री का लगभग आधा आर्डर टियर २ और टियर ३ शहरों से आता है. ईबे की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इसके कारोबार का 50 फीसदी आर्डर टियर टू और टियर थ्री शहरों से ही आता हैं. इससे साफ़ स्पष्ट हो रहा है कि भारत का ई-कॉमर्स छोटे शहरों में भी अपना सुनेहरा भविष्य देख रहा है.
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