संगीत उस प्रेमी जैसा है जो अपनी आगोश में लेकर हर दर्द को भुला देता है इसकी पुष्टि अब अमेरिकी संगीत थेरेपी एसोसिएशन ने भी कर दी है । वैज्ञानिको का मानना है की संगीत एक अच्छे थेरेपिस्ट का काम करता है, वही म्यूजिक थेरेपिस्ट म्यूजिक को सेडेटिव की तरह देखते है। आज के प्रतिस्पर्धा के इस युग में अवसाद ग्रस्त होना आम बात है । दुनिया में ऐसे अनगिनत लोग है जो अवसाद से ग्रषित है । संगीत हृदय को स्पर्श कर रूह में उतरकर निर्मल आनंद की अनुभूति कराता है । रिसर्च बताता है कि शरीर में ट्राइटोफन नामक केमिकल पाए जाते हैं जो संगीत के माध्यम से अवसाद को दूर करने में सहायक होते है । मनोचिकित्सक मानते है की डिप्रेशन के शिकार लोग सुर के सागर में डूब कर स्ट्रेस से बाहर निकल सकते है । म्यूजिक शरीर और मन से जुड़ी साइकोसोमेटिक तथा सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी विभिन्न बीमारियों के इलाज में भी लाभकारी साबित हो रहा है । म्यूजिक थेरेपिस्ट ऑटिज्म, क्लिनिकल डिप्रैशन, हार्ट प्रॉब्लम, हाई लो ब्लड प्रैशर जैसी स्थिति में भी म्यूजिक थेरेपी की प्रक्रिया को कारगर मानते है। इसे एक असरदार ट्रैंक्वलाइजर की तरह देखा जा रहा है । मानव शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन होते है जो दर्द से निवारण पहुचाने, तनाव कम करने और मूड को अच्छा करने में सहायक होते है। औरे संगीत की शक्ति हमारे दिल को स्पर्श कर भावनाओं को जगाने का काम करती है जिससे इस हर्मोन का स्त्राव होता है ।संगीत न केवल तनाव दूर करता है, बल्कि आत्मशांति भी प्रदान करता है । ज़िन्दगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है या अभी अभी हुआ यकीन की आग है मुझमें कहीं ऐसे हजारों नगमे है जो हमारे अन्दर पैशन, जोश जगाने के साथ साथ स्ट्रेस बस्टर का भी करते है। स्ट्रोक पेशेंट्स के लिए भी म्यूजिक थेरेपी एक अच्छा उपाय साबित हो रहा है । ये मरीज को जल्दी रिकवर करने में कारगर है । इसके अलावा कम्युनिकेशन स्किल विकसित करने और आत्मविश्वास बढाने में भी म्यूजिक की अहमियत कम नहीं है । च्च्रुक जाना नहीं तू कही हार केज्ज् गाना हो या इकबाल फिल्म का च्च्आशाएं खिले दिल की ये गाने प्रेरणा प्रदान कर हमारे सकारात्मक सोच को बढाते है । हालाकि संगीत की महिमा का इतिहास काफी पुराना है कहा जाता है कि अकबर के दरबार में जब तानसेन गाते थे, तो दीपक खुद-ब-खुद जल उठते थे। संगीत चिकित्सक मानते है की च्च्सारेगामा शक्ति प्रसव वेदना कम करने में भी सक्षम है और सेन्ट्रल नर्वस डिसआर्डर से भी निजात दिलाने में सहायक है । तो म्यूजिक ज़िन्दगी का रिदम है और अगर म्यूजिक थेरेपी का प्रयोग पारंपरिक उपचार के साथ किया जाए तो यह बहुत फायदेमंद सिद्ध होगा । और इस तरह म्यूजिक थेरेपी लोगों को स्ट्रेस से निकलने, मन को हल्का करने और मूड रिलैक्स करने में कारगर साबित हो रहा है । तो म्यूजिक सुनते रहिये, गुनगुनाते रहिये, मुस्कुराते रहिये और तनाव मुक्त रहिये।
Dr Pallavi Mishra is working as an Associate Professor. NET/JRF qualified.Founder of PAcademi.com
- Dr Pallavi Mishra
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