Dr Pallavi Mishra is working as an Associate Professor. NET/JRF qualified.Founder of PAcademi.com

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Monday, June 1, 2020

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कई अवसर प्रदान करता कोविड -19

संपूर्ण विश्व जहां वैश्विक महामारी कोरोना से पीड़ित है तथा पूर्ण मानव जाति के लिए संकट का समय चल रहा है, वहीं इस महामारी ने दुनिया भर में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान किये है. कोविड -19 महामारी ने दुनिया भर के बायोटेक्नोलॉजिस्टों को इस वायरस के समाधान के लिए कई प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया है जो न केवल मानवता को मौजूदा संकट से लड़ने में मदद करेगी बल्कि भविष्य के लिए वायरल रोगों के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगी। कई भारतीय कंपनियां विभिन्न वैज्ञानिकों तरीकों से इस महामारी के समाधानों की दिशा में काम कर रही हैं जो कोविड -19 के खतरे को कम करने में मदद करेंगी, चाहे वह विकासशील परीक्षण हो या बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन की खोज हो, जैव प्रौद्योगिकी सेक्टर का विस्तार निश्चित है।

हालांकि जैव प्रौद्योगिकी परीक्षण आज नए आर्टिफीसियल तंत्र बनाने से लेकर टीके विकसित करने तक, कोविड -19  के इलाज़ के लिए दवाएं, दस्ताने और मास्क बनाने में अग्रसर है और ये सेक्टर आने वाले समय में युवाओं के लिए कई रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा। बरहाल जहां सम्पूर्ण विश्व के ज्यादातर सेक्टर को आर्थिक नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है,  वहीं जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र इस विपति में उभर रहा है।  आने वाले समय में शोधकर्ताओं के लिए भी इस क्षेत्र में कई चुनौतियों के साथ अवसर भी होंगे जैसे रैपिड स्क्रीनिंग, डायग्नोस्टिक टेस्ट और वैक्सीन विकसित करने के लिए शोध की आवश्यकता। संभवतः बड़े पैमाने पर कोविड -19 की स्क्रीनिंग के लिए स्क्रीनिंग प्रशिक्षण इंस्टिट्यूट की भी आवश्यक होगी ताकि युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। जैव प्रौद्योगिकी इस महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने तथा चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने में सहायक है। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कैसे प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, जैसे कि ड्रग पुन: उपयोग या आयुर्वेदिक उपायों के बारे में भी शोध के आवश्यक क्षेत्र होगा। जैसा कि कहा गया है "रोकथाम इलाज से बेहतर है",  जैव प्रौद्योगिकी ज्ञान को साझा करने और इस घातक वायरस के फैलने के तरीकों और अन्य पहलुओं के बारे में जागरूकता फैलाने में भी कारगर होगा। इस क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी डॉक्टरों की मदद कर रहे हैं इसलिए, चिकित्सा प्रौद्योगिकी के साथ साथ जैव प्रौद्योगिकी प्रभावी निदान प्रदान कर रही है। इसके अलावा, जैव प्रौद्योगिकी अपशिष्ट निपटान विधि के विकास में भी अहम् भूमिका निभा रहा है। कोविड -19 कि रोकथाम के लिए सफाई रखना बहुत आवश्यक है इसलिए निदान और उपचार के दौरान उत्पन्न अस्पताल का कचरा प्रबंधन के लिए भी जैव प्रौद्योगिकी कि भूमिका महत्वपूर्ण है। इस तरह जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में  निदान या उपचार सम्बंधित, दवा उद्योगों, वैक्सीन में अनुसंधान और उत्पादन का भविष्य सुनहरा है।

Sunday, May 10, 2020

मजदूर है, मजबूर है: कोरोना तो नहीं बेबसी का शिकार है

संपूर्ण विश्व जहां वैश्विक महामारी कोरोना से पीड़ित है, वही भारत न सिर्फ कोरोना बल्कि कई लाचारी से भी पीड़ित है | यहां कोरोना वायरस ने जिस तरह का संकट पैदा किया है वो बहुत ज्यादा घातक है | इसने प्रवासी मजदूरों के हालात गंभीर कर दिए है | कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने घर से हज़ारों किलोमीटर दूर फसें प्रवासी मजदूरों कि ज़िन्दगी दूभर कर दी है | दैनिक वेतन पर कार्य करने वाले मजदूरों के लिए एक-एक दिन शहर में गुज़ारना भारी पड़ रहा है इसलिए वो पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफ़र तय कर रहे है | ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का मंजर दिल को दहला देता है | बिखरी रोटियां, खामोश पटरियां मजदूर की मजबूरी की कहानी बयां कर रही है | लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए 40 किलोमीटर चलकर आए थे | थकान ज्यादा लगी, तो पटरी पर ही सो गए थे लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी ज़िन्दगी का सफर उसी रोटी के साथ खत्म हो जाएगा जिसके लिए वो घर से मीलों दूर चले गये थे |

ये वही रोटी है जिसकी तलाश में मजदूर अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर का सफ़र तय करते है | इसी माह की पहली तारिख को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया, आये दिन मजदूरों की बेबसी की कहानी बीते अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस कि अलग दास्तान को बयान कर रही है |  आये दिन हो रहे हादसों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना ने तो नहीं लेकिन प्रवासी मजदूरों कि मजबूरी ने उनकी जान जोखिम में डाल दी है | ज्ञात हो कि इससे पहले जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की तो घर लौटने के लिए बेताब प्रवासी मजदूर पैदल कि घर कि ओर निकल पड़े और सड़क हादसे का शिकार हो गये | उत्तर प्रदेश के रहने वाले, दिल्ली में कार्यरत प्रवासी मजदूर अपने घर पहुँचने के प्रयासों के दौरान अपने जान गंवा बैठे थे | खबरों के अनुसार कम से कम 17 प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों - जिनमें पांच बच्चे भी शामिल थे, सड़क हादसे में मारे गये थे | अन्य  समाचार रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली में एक रेस्तरां में एक होम डिलीवरी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत एक 39 वर्षीय व्यक्ति की 28 मार्च को मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जाते समय मृत्यु हो गई थी | इन मौतों के अलावा, सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा जारी एक रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि  कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान घर लौटने की कोशिश के कर रहे  42 प्रवासी श्रमिक भी सड़क हादसे के कारण मौत का शिकार हो गये  ।

इस लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारत भर में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 140 लोगों की मौत हो गयी | लॉकडाउन के दौडान सड़क हादसे की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 30% मौतें पैदल चलने वाले श्रमिकों की थीं | इसके अलावा दो बिहार के मोतिहारी के रहने वाले प्रवासी मजदूर जो नेपाल में कार्यरत थे, कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन के कारण साइकिल पर ही अपने घर का रुख कर लिया था | नेपाल में तीव्र मोड़ पर बातचीत के दौरान खाई में गिरने से उनकी मृत्यु हो गई थी |

बरहाल प्रवासी मजदूरों की दशा दयनीय बनी हुई है, देश में कोरोना के चलते लगाया गया लॉकडाउन का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव प्रवासी मजदूरों कि ज़िन्दगी पर हुआ है । दरअसल जब उन्हें ये पता चला की जिन फैक्ट्रियों और काम धंधे से उनकी रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था, वह लॉकडाउन के चलते बंद हो गयी है, तो वे घर लौटने को छटपटाने लगे | ट्रेन-बस यात्रा के सभी मार्ग बंद होने के कारण और घर में पर्याप्त राशन नहीं होने की वजह से अपने घर पहुंचने के रास्ते तलाशने लगे | दरअसल ये मजदूर जिन ठिकानों में रहते थे उसका किराया भरना नामुमकिन लगने लगा तो ये मजदूर पैदल ही अपने घरों की  ओर निकल पड़े और ये उनकी ज़िन्दगी का आखिरी सफ़र बन गया |  हालांकि सरकार आश्वाषण दे रही है पर उनका सब्र टूटने लगा तो पैदल ही घर की ओर निकल पड़े, पैरों में छाले है, सर पर बोझ है, चिलचिलाती धुप है और हजारों किलोमीटर का सफ़र तय करना है | मजदूर कोरोना से ज्यादा लाचारी का शिकार है, उनकी बेबसी कि सिसकती तस्वीर उनके दर्द को बयान कर रही है |

Sunday, May 3, 2020

Unlocking Thoughts in this Lockdown



Retrospecting life in Lockdown….
Introspecting this Clampdown….
Contemplates to look into the chapter so far….
The gravity and severity of COVID beyond the radar….
Contest, Opportunity, Vying, Infallible, Desirable….
Life centered around goals unmeetable….
Falling into guilt and culpability….
Treated Mother Nature ineptly….
The Big break by the Nature made me realize….
Nothing is permanent, nothing is imperishable….
Is this a life, struggling for the skies…?
Turned life into Bullet train
Battling with ourselves every moment, seeking something to gain…
Eroding Values, Ignoring Humanity,
Lacking Empathy, Sprawling Collaboration
Standing on the same platform….
Hanging on the Edge of Slowdown….
Reflects life image….
Mapping the graph of solace…
Striving hard in rat race….
Life revolved around Challenges, Competition, Liking, Hiking, Comparing….
No time for relations, everybody engaged in building destinations….




Saturday, April 11, 2020

रोबोटिक्स तकनीक: डॉक्टरों में कोविड-19 संक्रमण को रोकने में कारगर

कोरोनोवायरस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के रूप में उभरा है और चीन से शुरू होकर दुनिया के 125 देशों में संक्रमण की तरह फ़ैल चुका है | इस महामारी के कारण लाखों लोगों को संगरोध लॉकडाउन के तहत रखा गया है। चीन के डॉक्टर ली वेन्लिंग जिन्होंने सबसे पहले इस खतरे कि जानकारी दी थी, कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में अपने काम के दौरान कोरोनोवायरस से संक्रमित हो गए थे | स्वास्थ्य अधिकारी जोखिम से निपटने की कोशिश कर रहे हैंलेकिन स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के वर्गों को अलग करना संभव नहीं है | संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों को अलग किया जाना तो संभव हैलेकिन डॉक्टरों और नर्सों के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद को इस संक्रमण से बचाना है। कोविड 19 स्वस्थ्य संक्रमण रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित लोगों में लगभग  80,000 से अधिक लोग स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता थे । स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता व्यक्ति-से-व्यक्ति संचरण के जोखिम को कम करना है। दरसल अभी तक इसका कोई इलाज नहीं हैएकमात्र उपाय इसकी महामारी को रोकना है।
वैश्विक स्वास्थ्य संक्रमण के मद्देनजरदुनिया भर के विभिन्न अस्पतालों में रोबोट लगाये जा रहे हैं। रोबोट चिकित्सा दुनिया में कोरोनोवायरस से निपटने के लिए आवश्यक उपाय हथियार हो सकता है। कई उपायों के बीचस्वचालन संचालित स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियां बीमारी से लड़ने में सहायता कर सकती हैं। दुनिया भर के अस्पताल रोबोट और स्वचालन प्रौद्योगिकी को तैनात करने के लिए अग्रसर हैं क्योंकि कोरोनोवायरस जंगल की आग की तरह फैलता है। प्रयोगशालाओं में एक संदिग्ध संक्रमण की पुष्टि करने में दिन लग जाते  हैं इसलिए डॉक्टर कोरोनोवायरस का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भरोसा कर रहे हैं जो थर्मल सेंसर से लैस कैमरों के साथ हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ 50 से अधिक देशों में सर्जिकल मास्क और दस्ताने अस्पतालों में भेज रहा है और सरकार द्वारा कड़े आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैंलेकिन संक्रमण की संख्या बहुत अधिक है। इस बीचअस्पताल और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों के तापमान का अनुमान लगाने और स्मार्टफोन और थर्मल सेंसर के साथ वास्तविक समय के तापमान की जांच करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम का उपयोग कर रही हैं। कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई मेंउभरती प्रौद्योगिकियां एक अप्रत्याशितकल्पनाशील और अविश्वसनीय रूप से बड़े पैमाने पर कार्यरत हैं। 1974 से शोधकर्ता रोबोटिक्स को चिकित्सा अनुप्रयोगों में शामिल करने की तकनीक विकसित कर रहे हैं। हाल के वर्षों में रोबोटिक्स तकनीक चिकित्सा विज्ञान में एक आशाजनक क्षेत्र के रूप में उभरा है। कोरोनावायरस के प्रकोप ने उन रोबोटों को तैनात करने के लिए एक वैश्विक महामारी वाले अस्पतालों की घोषणा की जो बायोमेट्रिक या तापमान विश्लेषण सेंसर नहीं हैंलेकिन यह एक स्क्रीनिंग में चार प्रश्न पूछता हैजैसे "क्या आपको खांसी है?" कोरोनोवायरस के कीटाणुओं और जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए दुनिया भर के 500 से अधिक अस्पतालों में एक यूवी उत्सर्जक रोबोट स्थापित किए गए हैं।  अमेरिका में अस्पतालों ने वीकी रोबोट को एक उपकरण के रूप में स्थापित किया हैजो पहियों पर चलता है | रोबोट का प्रयोग अस्पतालों में भोजनदवा देनेरोगियों के तापमान को लेने के लिए किया जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों के रोबोटिक्स के लिए कोरोनावायरस के संक्रमण को कम करने के लिए अस्पतालों को साफ करने के लिए उपयोग किया जा रहा हैजिनमें से कुछ हवा को शुद्ध करने के लिए स्वच्छ हवा और श्वसन हेलमेट का उपयोग करते हैं। यूवीडी रोबोट मोबाइल रोबोट के पहले प्रदाताओं में से एक हैं जो कि कीटाणुनाशक कमरों में पराबैंगनी प्रकाश का उपयोग करते हैं। प्राथमिक शिक्षा में ताइवान के छात्र महामारी को रोकने के लिए लेगो रोबोट नामक एक स्वचालित कीटाणुनाशक दवा का उपयोग कर रहे हैं। कोरोनोवायरस का मुकाबला करने का एकमात्र उपाय संपर्क निगरानी है और रोबोट इसके लिए कारगर है | चीन में अस्पतालों में रोबोट की सुविधाओं की तैनाती में काफी तेजी आई है। भारत में कोरोनोवायरस संक्रमित रोगियों की कुल संख्या ८९६  हो गई है। हालांकिअधिकांश भारतीय अस्पतालों मेंअभी भी रोबोट तकनीकी नहीं है। हालांकि भारत में लैप्रोस्कोपिक सर्जरीकार्डियक सर्जरीस्वचालित फार्मा आदि के लिए रोबोट का उपयोग किया जा रहा है पर  रोबोट नर्सिंग अभी नहीं है। कोरोनावायरस के प्रकोप ने अस्पतालों में रोबोट की आवश्यकता को आमंत्रित किया है क्योंकि यह अधिक जटिल कार्यों और कीटाणुशोधन के साथ सहायता कर सकता है। आने वाले वर्षों में महामारी की बीमारियों का मुकाबला करने के लिए मानव हस्तक्षेप के साथ रोबोटिक्स तकनीकें भी दिखाई देंगी।

Sunday, April 5, 2020

5 Benefits of using Aloe Vera in daily life

https://wemedia.co.in/article/wm/75b49fb0771d11ea91ee2746c909e9d2
05 Apr 2020 15:36:00
This plant can cure almost all your skin problems. Aloe Vera is a remedy for all your worries as it is a healing process very much like a superhero you can probably wonder. Aloe Vera is a plant which is similar to cactus is very popular for its healing and medicinal properties. It consists of a gel like substance that contains of a gel like substance that contains antioxidants, vitamins, minerals and amino acids. I know you all must be curious to know about its benefits. Here I list out a few benefits of using Aloe Vera-
1. REMOVE SKIN IRRITATION.
This wonder gel consists of compounds such as acemannan that suppress inflammation and redness of the skin.These properties of Aloe Vera helps in the treatment of diseases like osteoarthritis, chronic non–cancer pain. Just apply the gel of the plant on swollen and inflamed joints in order to get relief. This gel reduces joint pain and improves joint mobility.
2. INCREASES IMMUNITY
Aloe Vera is proven to enhance the functioning of cell macrophage which is one of the most vital components of the immune system. As immunity is essential for working and performing tedious tasks all day consuming Aloe Vera on a daily basis would do wonders for you.

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3. IMPROVE DIGESTIVE HEALTH
One of the most painful digestive issues is irritable bowel syndrome. Many studies have proven that Aloe Vera can help in curing this syndrome. Pain can be reduced, and the discomfort suffered by individuals who have irritable bowel syndrome can consume Aloe Vera on a daily basis to witness positive results. Constipation can also be cured with the help of Aloe Vera.
4. TREAT DIABETES
This wonder gel can treat diabetes by reducing fasting blood glucose levels. It also is extremely effective in increasing insulin sensitivity. The plant consists of hydrophilic fiber and phytosterol that are helpful for the body. Just take a teaspoon full of Aloe Vera Juice twice a day as it regularizes the flow of insulin in flow which in turn lowers blood sugar levels.

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5. GREAT FOR HAIR CARE
Aloe Vera gel can prove to be the best solution to make your hair non-frizzy. It hydrates dry and rough hair and bring back the shine. Aloe Vera mixed with hibiscus helps to keep your head and scalp cool. Regularly applying Aloe Vera in the hair will nourish and fortify it.

बोगार्डस का सोशल डिस्टेंस स्केल





हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा संकट कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सामाजिक दूरी तथा स्व-संगरोध जैसी अवधारनाओं का अनुसरण करने की अपील हुई | दरअसल सामाजिक दूरी अंतर्राष्ट्रीय समाजशास्त्र की सबसे सफल अवधारणाओं में से एक है | जातीय, वर्ग, लिंग, स्थिति और कई अन्य प्रकार के संबंधों के अध्ययन में आज व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है |  सामाजिक दूरी को अक्सर बोगार्डस सोशल डिस्टेंस स्केल के अनुसार मापा जाता है | आज इस सामाजिक अवधारणा को देश दुनिया में लागू कर कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने की कोशिश निरंतर जारी है |
हालांकि सामाजिक दूरी कि उत्पति 1910 और 1920 के दशक में अमेरिका के उत्तरी औद्योगिक शहरों में ग्रामीण दक्षिण से काले अमेरिकियों के प्रवास के समय हुआ था | 1910 के दशक के दौरान शिकागो की काली आबादी दोगुनी हो गई, उसी समय अश्वेत लोग भी पश्चिमी राज्यों, विशेषकर कैलिफ़ोर्निया में जाने लगे थे | प्रथम विश्व युद्ध का इस सामूहिक प्रवास में बड़ा प्रभाव पड़ा था तभी से सामाजिक संरचना का संतुलन बनाये रखने के लिए सामाजिक दूरी कि अवधारणा को अपनाया गया था |
दरअसल सामाजिक दूरी बनाये रखने से ये माना जाता है कि  अन्य लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी पर रहने से आपके कोविड-19 वायरस के फैलने की संभावना कम हो जाती है। हालांकि सामाजिक दूरी के कारण राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय खेल कार्यक्रम, परिभ्रमण, त्योहार और अन्य समारोहों पर इनका असर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है लेकिन इसका उद्देश्य   बीमारी के प्रसार को रोकना या कम करना है | ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजशास्त्र कि इसी अवधारणा के तहत लोगों से अपील कर जनता कर्फ्यू का आवाहन किया था और लोगों को ताली थाली बजाकर उन लोगों को प्रोत्साहित करने को कहा था जो दिन रात इस जंग से निपटने के लिए तत्पर है | देश में जो नज़ारा दिखा वो वाकई काबिले तारीफ था, दिन भर सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा | जनता कर्फ्यू का पालन कर लोगों ने अपने धैर्य का परिचय देकर कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में अपना पूर्ण समर्थन दिया  | इसके साथ ही लोगों ने घरों में रहकर ताली और थाली बजाकर उन लोगों का आभार भी जताया, जो कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए मोर्चा थामे हुए हैं | शाम पांच बजे से ही देश के कोने-कोने में लोगों ने अपने घरों में पीएम की अपील के बाद ताली, थाली और शंख नाद से आभार जताया |
दरअसल, सनातन धर्म-संस्कृति में करतल ध्वनि, घंटा ध्वनि, शंख ध्वनि का अपना महत्व है | मंदिर हों या घर, इन ध्वनियों का पूजा पद्धति में विशेष स्थान है | आयुर्वेद में इनके चिकित्सकीय महत्व का वर्णन भी है | दरअसल घंटियां जब ध्वनि उत्पन्न करती हैं तो यह हमारे दिमाग के बाएं और दाएं हिस्से में एक एकता पैदा करती हैं | जिस क्षण हम घंटा-घंटी बजाते हैं, यह एक तेज और स्थायी ध्वनि उत्पन्न करती हें, जो प्रतिध्वनि मोड में न्यूनतम 7 सेकंड तक रहती है | हालांकि प्रधानमन्त्री ने लोगों से यह अपील नागरिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, नगरपालिका के कर्मचारियों और स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से चौबीसों घंटे काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहित कर अपना आभार व्यक्त करने के लिए की थी | इस अपील को देश के ना सिर्फ आम जनता लेकिन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने भी पूर्णतः पालन किया | अमिताभ बच्चन एवं उनका परिवार, करण जौहर तथा अन्य बॉलीवुड हस्तियों ने भी अपनी बालकनियों से ताली बजाकर सैनिकों, डॉक्टरों, पुलिस तथा इस जंग को मात देने के लिए चौबीस घंटे तत्पर सभी सक्रिय कार्यकर्ता को आभार व्यक्त किया |
इतिहास में पता चला है कि नस्लवादी आवास नीतियों के माध्यम से सामाजिक दूरी जैसे कि रंग के आधार पर समुदायों में दूरी, तबके, शिक्षा एवं सामाजिक स्तर के आधार पर सामाजिक दूरी मानी जाती है | कोविड-19 में सामाजिक दूरी बनाये रखने कि अवधारणा किसी प्रकार के भेदभाव को नहीं अपितु महामारी के प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशीलता को प्रकट करती है |


Saturday, April 4, 2020

7 Benefits of Cranberry to boost your immunity system

It is well known that Cranberries are the best source of vitamins, antioxidants, minerals and nutrients. Cranberries have greater health benefits, even packed foods like muesli comprises cranberries as it has unique antioxidants and anti-inflammatory properties. Today our breakfast is served with raw cranberries, cranberry juice and dried sweetened cranberries. Now this super fruit has made its way to ice-creams, dark chocolates, cranberry flavoring sauces and chutneys.
Cranberries are rich source of protective compounds that help us to protect cells and body chemical. The greater concentration of anthocyanins in cranberries provides us best health benefits.
The Benefits of Cranberry are:
1. Vitamin C
Cranberries have Vitamin C at moderate levels and other essential dietary minerals such as micro nutrients. Vitamin C is essential to keep our skin glowing and keeps the digestive system healthy, and the presence of iron is good for bones and teeth.
2. Antioxidants & Anti-inflammatory compounds
These compounds protect a brain from age related issues. It helps to build a strong memory and coordination. Its anti-inflammatory compound is beneficial for cardio-vascular system, arteries, kidneys, digestive tracts and many other organs.
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3. Best for UTI
Cranberries are best to prevent urinary tract infections. The presence of micro-organisms in urine beyond the permissible limit leads to UTI. The compounds found in cranberry juice prevent the bacteria from binding the cells of bladder walls. UTI is a common problem among women so it is advisable to add cranberries to their diet.
4. Rich source of Polyphenols
Cranberries are a rich source of protective compounds called polyphenols that help in preventing the harmful acid in mouth, prevent the cavity and boost the oral health. It helps to maintain strong immunity system.
5. Anti-Cancer Effect
Cranberries inhibit cancer cell growth by acting on the harmful cells to die off and by reducing their ability to invade surrounding tissues.
6. Anti-tumor Effect
The polyphenol compound present in the cranberry has anti-tumor effect. It carries salicylic acid in it which reduces swelling and prevents the formation of blood clots that leads to tumor.
7. Lower Heart Risk
Heart disease is normal these days. Adding cranberries in your diet can lower the risk of heart disease and stroke. Regular consumption of cranberries maintains a proper blood circulation in the body and keeps the blood pressure normal.
A study reveals that cranberries have polyphenols that supports our body to have a strong immunity system and achieve a balanced lifestyle. Cranberries have the highest levels of polyphenols more than apples, cherries, blue berries and grapes. But it is essential for you to understand that how to consume cranberries to get best result.

Main khalish bhi hoon, main raza bhi

It's a dichotomy, where on the one hand we talk about women equality and on the other hand they are commodified. This poem underlines the dual approach of our society


विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों में महिलाओं का वर्चस्व

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